जीत भाग्य पर नहीँ बल्कि विरता,प्रबधंन,कुशलता,आत्मविश्वास ओर साहस पर निर्भर करती है।गहरी लगन,ध्येय की प्रतिसर्वात्मना,समर्पण आदि साधनो अभाव में भी सफल बना देते है।
आत्मविश्वास कैसे बढायेँ :-
1. असफलता के भाग्य स बचेँ ।
2. किसी कार्य को सोच-समजकर हाथ मेँ लेँ ।
3.स्वंय को महत्वपुर्ण समजेँ ।
4.समय का सदुपयोग करेँ ।
5.आत्मविश्वास वह अद्भुत शक्ति है जिसके बल पर एक अकेला मनुष्य हजारों विपत्तियों एवं शत्रुओं का सामना कर लेता है।
6. निर्धन व्यक्तियों की सबसे बड़ी पूंजी और सबसे बड़ा मित्र आत्मविश्वास ही है। इस संसार में जितने भी महान कार्य हुए हैं या हो रहे हैं, उन सबका मूल कारण आत्मविश्वास ही है। संसार में जितने भी सफल व्यक्ति हुए हैं, यदि हम उनका जीवन इतिहास पढ़ें तो पाएंगे कि इन सभी में एक समानता थी और वह समानता थी- आत्मविश्वास की।
7. स्वामी विवेकानंद का कथन है- ‘जिस मनुष्य में आत्मविश्वास नहीं है, वह बलवान होकर भी डरपोक है और विद्वान होकर भी मूर्ख है।’