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ले लो मैया, ले लो भैया

Friday, October 28, 2011

यह मेरे "घर , गाँव" की "दिवाली" हे......["Diwali In "My Village"]

हमारे गाँव में "दिवाली" का "महापर्व" अच्छी तरह मनाया गया .....इस पर्व को देखकर "जीवन को जीने" का का असली आनंद आता हे | इस पर्व की ख़ुशी को शब्दों  में व्यक्त नहीं किया जा सकता हे | गाँव में चारो और बाजार,गलिया,घर-आँगन सजे हुवे हे.....सभी कुछ कुछ नया करने में लगे हुवे हे.......सभी जान -पहचान और अनजान  व्यक्तियों से मिलकर बहुत अच्छा लग रहा हे | अमावस्या की रात में दीपकों के प्रकाश ने चारो और उजाला कर दिया | छोटे बच्चो ने भी इस पर्व पर खूब आनंद  उठाया  | गाँव की सारी गलियों से एक ही आवाज रही थी:-Happy Diwali |

अब इस दिवाली से जुड़े मेरे कुछ चित्र दे रहा हु ,शायद आपको अच्छे लगे :-
1.मेरे घर पर की गयी रोशनी ...

2.यह देखिये दीपक....

3."दिल तो बच्चा हे जी''......''खूब छुडाये फटाके''.....


                                                               
4.यह हे "केमरे के एक सेकंड क्लिक" का कमाल......
फटाके से निकली रोशनी 
यह धुंवा
 
 
 

आपने अपने यंहा दिवाली किस तरह मनाई मुझे जरुर बताइयेगा |
ले लो मैया, ले लो भैया