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ले लो मैया, ले लो भैया

Friday, November 5, 2010

महापर्व दीपावली पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनाये -दीपावली से जुड़े कुछ राज

दीवाली का यह पर्व आपके लिये मंगलदायी हो,आपका घर-बार खुशियों से भर जाये,आप जीवन की उच्चतम उन्च्चायो पर पंहुच जाये|  
आप के लिये-
हवाओ  के  हाथ  अरमान  भेजा  हे ,
नेटवर्क  के  जरिये  पैगाम  भेजा  हे ,
फुर्सत  मिले  तो  कबूल  करना ,
रियासत -ऐ - छोटी - खाटू के  शहजादे  ने  दीपावली  का  सलाम  भेजा  हे .

दीप  का  उजाला , फटाको   का  रंग , 
धूपों  की  खुशबु , प्यार  भरे  उमंग , 
मिठाई  का  स्वाद , अपनों  का  प्यार ,
मुबारक  हो  आपको , दिवाली  का  त्यौहार

गुल  को  गुलशन  मुबारक ,

चाँद  को  चांदनी  मुबारक ,
शायर  को  शायरी  मुबारक ,
और  हमारी  तरफ  से  आपको  दिवाली  का  त्यौहार  मुबारक .  
  
दीपावली  का  यह  प्यारा  त्यौहार ,
जीवन  में  लाये  खुशिया  अपार ; 
लक्ष्मीजी   विराजे  आपके  द्वार , 
शुभकामना  हमारी  करे  स्वीकार , 
                    इसी कामना के साथ आपको ओर आपके परिवार को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाये|
दीपावली के बारे में-
1.राम भक्तों के अनुसार दीवाली वाले दिन अयोध्या के राजा राम लंका के अत्याचारी राजा रावण का वध करके अयोध्या लौटे थे। उनके लौटने कि खुशी मे आज भी लोग यह पर्व मनाते है। 
2.कृष्ण भक्तिधारा के लोगों का मत है कि इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने अत्याचारी राजा नरकासुर का वध किया था।इस नृशंस राक्षस के वध से जनता में अपार हर्ष फैल गया और प्रसन्नता से भरे लोगों ने घी के दीए जलाए।
3. जैन मतावलंबियों के अनुसार चौबीसवें तीर्थंकर महावीर स्वामी का निर्वाण दिवस भी दीपावली को ही है।
4.सिक्खों के लिए भी दीवाली महत्त्वपूर्ण है क्योंकि इसी दिन ही अमृतसर में1577 में स्वर्ण मन्दिर का शिलान्यास हुआ था। 
5.1619में दीवाली के दिन सिक्खों के छठे गुरु हरगोबिन्द सिंह जी को जेल से रिहा किया गया था। 
6.नेपालियों के लिए यह त्योहार इसलिए महान है क्योंकि इस दिन से नेपाल संवत में नया वर्ष शुरू होता है।
 7.पंजाब में जन्मे स्वामी रामतीर्थ का जन्म व महाप्रयाण दोनों दीपावली के दिन ही हुआ। इन्होंने दीपावली के दिन गंगातट पर स्नान करते समय 'ओम' कहते हुए समाधि ले ली।
8.महर्षि दयानन्द ने भारतीय संस्कृति के महान जननायक बनकर दीपावली के दिन अजमेर के निकट अवसान लिया। इन्होंने आर्य समाज की स्थापना की। 
9.दीन-ए-इलाही के प्रवर्तक मुगल सम्राट अकबर के शासनकाल में दौलतखाने के सामने 40 गज ऊँचे बाँस पर एक बड़ा आकाशदीप दीपावली के दिन लटकाया जाता था। 
10.शाह आलम द्वितीय के समय में समूचे शाही महल को दीपों से सजाया जाता था एवं लालकिले में आयोजित कार्यक्रमों में हिन्दू-मुसलमान दोनों भाग लेते थे।
 अब कुछ वालपेपर-










 आपको ओर आपके परिवार को एक बार फिर दिल से  दीपावली की हार्दिक शुभकामनाये
ले लो मैया, ले लो भैया