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ले लो मैया, ले लो भैया

Wednesday, October 5, 2011

"पानी" से चलने वाली "घडी" ..[The Eco Friendly Water Powred Clock ]


वर्तमान बदलते "समय" में जिस तरह "ईंधन" की खपत जिस तरह हो रही हे ,उससे "वातवरण" तो प्रदूषित हो ही रहा हे और लगता हे मानो आने वाले "समय" में "ईंधन" बचेगा ही नहीं | इसी बात को ध्यान में रखते हुवे "वैज्ञानिक" निरंतर "इको फ्रेंडली वस्तुये" बनाने में लगे ,जो "पर्यावरण  प्रदुषण" को रोकने के साथ जिनमे  "प्राक्रतिक संसाधनों" जेसे:-पानी,हवा और सोर उर्जा आदि का उपयोग किया जा सके |

              इसी कड़ी में "पानी" से चलने वाली एक "अलार्म घड़ी" का नाम जुड़ गया हे | करीबन  "12 -35" $ वाली यह "घडी" पानी से चलती हे ,यानि इसकी उर्जा का स्रोत तो "बिजली" हे और ही "बेटरी" | अर्थात तो "पानी" से ख़राब होने का डर और ही बार-बार "बेटरी" बदलने का झंझट | : माह में एक बार "पानी" भर दीजिये और अलार्म सेट करते रहिये | यह रोजाना पाबंद रखेगी |
यह केसे कम करती हे :-
                           "
वैज्ञानिक द्रसटीसे देखा जाये तो इसमें एक "जिंक" की एक छोटी सी "प्लेट" लगी रहती हे |जब  इसमें "पानी" भर दिया जाता हे तो तो "पानी" में उपस्तिथ "इलेक्ट्रोन" के "अणु" "जिंक प्लेट" की और आकर्षित होते हे जिससे इस आंतरिक  प्रकिर्या के फलस्वरूप एक "विधुत परिपथ" का निर्माण हो जाता हे और "घडी" चलने लगती हे  | यह "जिंक" की "प्लेट" ही इस "घडीके जीवन काल का निर्धारण करती हे |
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