"भारत" तो "मेलों" के लिये प्रसिद्ध है।"मेलों" का अपना "धार्मिक" और "सांस्क्रतिक" महत्व होता हे | "भारत" में प्रतिदिन कंही ने कंही "मेला" लगता हे | मेरे गाँव "छोटी-खाटू" में "निर्भाराम बाबा" की बगीची में,जहाँ उन्होने जीवित समाधी ली थी, "आसाढ सुधि पूर्णिमा" को प्रति वर्ष "रात्रि" मेला लगता है | कल आसाढ सुधि पूर्णिमा थी | कल भी एक सुंदर मेले का आयोजन "छोटी-खाटू" ग्राम पंचायत द्वारा आयोजित किया गया |
यह मेला तीन दिन "आसाढ सुधि तेरश" से "आसाढ सुधि पूर्णिमा" तक चलता हे | "विश्व पटल" पर मेरा गाँव धीरे-धीरे एक स्वर्णिम भविष्य की और बढ रहा हे ,इसमें इस "मेले" का भी बहुत बड़ा योगदान हे | इस "मेले" की छटा देकते हे बनती हे ,आस पास के गाँवो के लोग इस "मेले" को देखने के लिए आते हे |इस "मेले" में सभी धर्मो के लोग भाग लेते हे ,इस तरह यह मेला एक "साम्प्रदायिक सदभावना" का उदाहरण हे |कल में भी गया था इस मेले को देखने जिसकी कुछ झलकिय आपके सामने प्रस्तुत कर रहा हु........
यह मेला तीन दिन "आसाढ सुधि तेरश" से "आसाढ सुधि पूर्णिमा" तक चलता हे | "विश्व पटल" पर मेरा गाँव धीरे-धीरे एक स्वर्णिम भविष्य की और बढ रहा हे ,इसमें इस "मेले" का भी बहुत बड़ा योगदान हे | इस "मेले" की छटा देकते हे बनती हे ,आस पास के गाँवो के लोग इस "मेले" को देखने के लिए आते हे |इस "मेले" में सभी धर्मो के लोग भाग लेते हे ,इस तरह यह मेला एक "साम्प्रदायिक सदभावना" का उदाहरण हे |कल में भी गया था इस मेले को देखने जिसकी कुछ झलकिय आपके सामने प्रस्तुत कर रहा हु........
स्वागत द्वार...
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मुख्य द्वार व रास्तो की सजावट.....1
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मुख्य द्वार व रास्तो की सजावट.....2
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रात भर रोशनी के लिए....
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4. "सुचना एंव प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार" द्वारा चुने हुवे कलाकारों [ राम रहीम लोक कला मंडल ,मेहबूब अली एंड पार्टी ] ने "राजा हरिशचंद्र" पर लोकनाटक का आयोजन किया, जिसके कुछ द्रश्य प्रस्तुत हे..
राजा हरिशचंद्र |
राजा हरिशचंद्र रानी तारावती के साथ |
राजा हरिशचंद्र साधू के साथ |
उपस्थित जनसमूह
अब देखिये विडियो ........
1. |
अब आप बताये की केसा लगा यह मेला आपको....और हाँ अगर आपके गाँव/शहर में भी कोई मेला लग रहा हे तो बताये...